अर्थशास्त्री, नीति शोधकर्ता-लेखिका और दिप्रिंट स्तंभकार राधिका पांडे का 46 साल की आयु में हुआ निधन जाने पूरी जानकारी

 


Economist Radhika Pandey No More: जानिए देश की जानी-मानी नीति विशेषज्ञ और ThePrint की कॉलमनिस्ट का प्रेरणादायक सफर

SEO Meta Title: Economist Radhika Pandey Passes Away at 46 | Tribute to Policy Expert
Meta Description: Economist and policy researcher Radhika Pandey passes away at age 46. Read about her career, achievements, and immense contribution to India's economic policy.
Labels: Radhika Pandey, Economist, RIP, Indian Economy, ThePrint, Policy Research, Tribute


अर्थशास्त्र की दुनिया को बड़ा झटका: Radhika Pandey का निधन

भारत की जानी-मानी अर्थशास्त्री, नीति विश्लेषक और प्रसिद्ध मीडिया पोर्टल ThePrint की कॉलमनिस्ट Radhika Pandey अब हमारे बीच नहीं रहीं। महज 46 वर्ष की उम्र में उनका अचानक निधन, देश की बौद्धिक और आर्थिक नीति जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है।

उनका योगदान सिर्फ आर्थिक नीतियों तक सीमित नहीं था, बल्कि वे एक प्रेरणा थीं – उन महिलाओं के लिए जो अर्थशास्त्र जैसे तकनीकी और चुनौतीपूर्ण क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाना चाहती हैं।


कौन थीं Radhika Pandey?

Radhika Pandey पेशे से एक वरिष्ठ अर्थशास्त्री (Senior Economist) थीं और उन्होंने National Institute of Public Finance and Policy (NIPFP) में बतौर नीति शोधकर्ता (Policy Researcher) काम किया। उनकी विशेषज्ञता के क्षेत्र में शामिल थे:

  • मौद्रिक नीति (Monetary Policy)

  • वित्तीय सुधार (Financial Sector Reforms)

  • बैंकिंग विनियमन (Banking Regulation)

  • वित्तीय समावेशन (Financial Inclusion)

उनकी लेखनी और विश्लेषणात्मक सोच ने कई बार सरकार और नीति-निर्माताओं का मार्गदर्शन किया।


ThePrint में नियमित कॉलम

पिछले कुछ वर्षों से, Radhika Pandey ThePrint में नियमित कॉलम लिखती थीं। उनके कॉलम मौद्रिक नीतियों, वित्तीय संरचना, बजट और वैश्विक आर्थिक परिदृश्यों पर आधारित होते थे, जो सरल भाषा में जटिल आर्थिक अवधारणाओं को समझाते थे।

उनका लेखन:

  • तथ्यों पर आधारित होता था

  • पक्षपात से मुक्त होता था

  • समाधान उन्मुख होता था

इसी कारण वे पाठकों के बीच बेहद लोकप्रिय थीं।


शिक्षा और करियर

Radhika Pandey ने भारत की शीर्ष संस्थानों से शिक्षा प्राप्त की थी:

  • Ph.D. in Economics

  • कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पेपर प्रकाशित

  • IMF, RBI, और वित्त मंत्रालय जैसी संस्थाओं के साथ सहयोग

उनका करियर रिसर्च, नीति निर्माण और अकादमिक जगत का समृद्ध संगम रहा।


क्यों थी Radhika Pandey खास?

✔ स्पष्ट सोच और सरल विश्लेषण

उनकी सबसे बड़ी ताकत थी – जटिल मुद्दों को सरल शब्दों में समझाना

✔ महिला सशक्तिकरण की प्रतीक

Radhika ने यह साबित किया कि महिलाएं भी नीति-निर्माण और अर्थव्यवस्था जैसे पुरुष-प्रधान क्षेत्रों में अपनी जगह बना सकती हैं।

✔ युवा अर्थशास्त्रियों के लिए प्रेरणा

वे कई युवा अर्थशास्त्रियों की मेंटर रहीं और अकादमिक विकास में योगदान देती रहीं।


निधन से उठे कई सवाल

उनकी मृत्यु के पीछे के कारणों को लेकर अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन सोशल मीडिया और उनके प्रशंसकों के बीच गहरा शोक और आभार देखा गया।

Twitter, LinkedIn और अन्य प्लेटफॉर्म्स पर कई वरिष्ठ पत्रकारों, नीति-निर्माताओं और शोधकर्ताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है।


कुछ प्रेरणादायक उद्धरण – Radhika Pandey की लेखनी से

"Economic policy should be inclusive, data-driven and designed for long-term resilience."

"Fiscal discipline is not about cuts, but smart allocation."

इन शब्दों में उनकी सोच, शैली और दृष्टिकोण का पता चलता है।


उनके जाने के बाद...

उनका जाना सिर्फ एक व्यक्ति का जाना नहीं है, बल्कि:

  • एक सशक्त आवाज़ का शांत हो जाना है

  • एक नैतिक दृष्टिकोण का खत्म हो जाना है

  • एक जन-हितैषी दृष्टि का खो जाना है

उनकी विरासत आगे भी युवाओं को प्रेरित करती रहेगी।


निष्कर्ष: एक सच्ची श्रद्धांजलि

Radhika Pandey भले ही हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी सोच, विचार और लेखनी आज भी जीवित हैं। वे हमेशा एक ईमानदार अर्थशास्त्री, प्रेरणादायक लेखिका, और संवेदनशील मानव के रूप में याद की जाएंगी।

ईश्वर से प्रार्थना है कि उनके परिवार को यह दुःख सहने की शक्ति दे।
श्रद्धांजलि। 🙏

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